अदावत है!
अदावत है!
रूस से अमेरिका की पुरानी अदावत है,
दुनिया की शांति के साथ ये बगावत है।
कितनी उम्र तक लड़ना चाहेगा अमेरिका,
बताओ,यू.एन.ओ. किस तरह की अदालत है।
नकेल नहीं कस पाया उसकी जरूरत है क्या,
कहीं न कहीं वो भी विश्व के लिए मुसीबत है।
नाइंसाफी हो रही है इस कायनात के साथ,
हम किसी के दुश्मन नहीं ये तो हकीकत है।
जमीं खून से लथपथ गगन मिसाइलों से थर्राया,
बताओ दुनियावालों ये कैसी निजामत है।
मोहब्बत - अदावत एक साथ चल नहीं सकती,
मेरे लहजे के मुताबिक बहुत बड़ी सियासत है।
हम चाहें तो ये चौधराहट छीन सकते हैं,
लेकिन हमारे भीतर संस्कार और शराफत है।
एक मुद्दत हुई उन सैनिकों को खुली साँस लिए,
आज की आनेवाली रात उनके लिए कयामत है।
देखा जाए अमेरिका में भी सब कुछ ठीक नहीं,
उक्रेन की मदद करना उसके लिए भी मुसीबत है।
दम तो निकालना चाहता है अमेरिका रूस का,
क्या इस जंग को और बढ़ाने की जरुरत है?
रामकेश एम.यादव (कवि,साहित्यकार),मुंबई
Varsha_Upadhyay
02-Mar-2023 06:37 PM
बेहतरीन
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Gunjan Kamal
01-Mar-2023 08:43 AM
बहुत सुंदर
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Sushi saxena
26-Feb-2023 10:34 PM
Nice
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